जो अलख जगाया था कभी , एक बार और जगाना बापू ,-------
चमन से दूर मत जाना , लौट कर आना बापू ----------
गम - ज़दा हैं तेरे जाने से , हम इतना बापू ------
भूल जाएँ डगर अपनी , राह दिखाना बापू ----------
हाल - ए - वतन बयां , करें , तो करें कैसे ?
खुद देख लो आकर , यहाँ फ़साना बापू --------
बिकता है कफ़न , इमान , धर्म इन्सान तो कैसे ,?
नमूना बन गया भारत , जिसे उबारा बापू --------
जश्न -ए- मशरूफ थे , वतन बे- जार था जिनसे ,
मसीहा आज बन बैठे , नकाब उठाना बापू --------
भूल जाएँ कभी जो भूल से तुमको ,कसम हिंदुस्तान की ,
इस देश को ना भुलाना बापू --------
जिन्हें आजाद होना था उदय , इंतजार करते हैं ,
शाम - ए- आवाम , ढलने को ,शमा जलाना बापू --------
तेरे उपकार के ऋण को, हम चूका नहीं सकते ,
हृदय में प्यार बनकर के , सदा याद आना बापू ------------
उदय वीर सिंह ,
३०/०१/२०११