मुश्कें मरोड़ देगा...✍️
हथकड़ी बेड़ी कुदरती नहीं तोड़ देगा।
आजादी का परवाना गुलामी छोड़ देगा।
कोई दरिया भी बेलगाम नहीं हो सकती,
इंसाफपसंद बांध बना रास्ता मोड़ देगा।
भंवर मुसाफ़िर को इतना भी न डराना
पुल बनाकर दोनों साहिलों को जोड़ देगा।
कितना भी मजबूत हों टिकते नहीं वीर,
ईमान झूठो फरेब का भांडा फोड़ देगा।
खामोशी व सब्र के औजार निष्क्रिय नहीं,
वक्त आने पर जबर की मुश्कें मरोड़ देगा।
उदय वीर सिंह।
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