शुक्रवार, 5 जुलाई 2024

कागजात कोई....


 





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वक्त के ऊपर छोड़ मतअपने कागजात कोई।

बेवक्त मत छेड़ अपने  दिल के जज्बात कोई।

किसी मन्नतों  का  सिला तेरे  हाथ में तो नहीं,

अपने हसरतों की नहीं मिलती कायनात कोई।

हटाना तो  तुम्हें  ही  पड़ेगा गमों व गर्दीशी को

नहीं धो पाती गमों को बादल की बरसात कोई।

उदय वीर सिंह।

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