सोमवार, 8 जून 2020

हम उम्मीद से हैं ...


नमस्कार मित्रों ! ..हम उम्मीद से हैं ....
हौसले हैं साथ तो पार कर दलदल भी निकलेगा ,
उम्मीद से हम हैं कि सून्य से संबल भी निकलेगा -
प्राचीरों का शीतल वायु ने ,प्रतिबन्ध कब माना ,
पत्थर तोड़कर सोतों से निर्मल जल भी निकलेगा -
उदय वीर सिंह



1 टिप्पणी:

विमल कुमार शुक्ल 'विमल' ने कहा…

वाह वाह अति सुन्दर आशावादी पोस्ट।