शनिवार, 8 मई 2021

हौसला चाहिए....।



हौसले साथ हैं , हौसला चाहिए।

हौसलों के सिवा और क्या चाहिए।

ये है मौसम तेज़ाबी न भींगे कोई,

घोर विपदा में सबका भला चाहिए।

हाथ कमज़र्फ जिनके गिला क्या करें,

प्रीत दिल से रहे सिलसिला चाहिए।

रंक-राजा न पहचानती है वबा,

लोड़बन्दों को हर दर खुला चाहिए।

हर अंधेरे से जीतेगी इंसानियत,

हर चौखट पर दिया जला चाहिए।

उदय वीर सिंह।

2 टिप्‍पणियां:

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अब हौसला छुटता जा रहा .... फिर भी हौसला ही चाहिए ...

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

आमीन