........✍️
देशभक्ति पर प्रबचन गद्दार करने लगे।
न्याय का प्रबंधन अखबार करने लगे।
आग न रह पाएगी फिर कभी आग,
जब आग पानी का व्यापार करने लगे।
बांझपन का शिकार हो जाएगी वो नस्ल,
यदि अपराध की रक्षा दरबार करने लगे।
लकवाग्रस्त हो जाएंगे औषधि शोध-संस्थान,
रोग का अध्ययन तीमारदार करने लगे।
कितनी होगी रखी कोईअमानत महफ़ूज,
नकबजनों की पहरेदारी पहरेदार करने लगे।
उदय वीर सिंह।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें