मित्रता को बांधना ,मित्रता की डोर से
मित्रता को सींचना , मित्रता के मेघ से ,
मित्रता परोसना , मित्रता की थाल में,
मित्रता का नीर देना ,मित्रता के नेह से -
मित्रता की राह देना ,मित्रता गंतव्य हो ,
मित्रता की छाँव देना ,मित्रता के पेड़ से ,
मित्रता का हाथ देना,मित्रता की उच्चता ,
मित्रता की शुचिता हो,मित्रता के देह से ,
मित्रता के चित्र बनें ,मित्रता की तुलिका ,
मित्रता के रंग भरो, रंगों के देश से -
मित्रता के गीत हो ,मित्रता की राग हो
मित्रता का साज हों ,मित्रता परिवेश से -
मित्रता अक्षुण हो, मित्रता अभेद्य हो ,
मित्रता अभाज्य हो , मित्रता के गेह से ,
साधन हो मित्रता ,मित्रता ही साध्य हो ,
मित्रता ही ग्राह्य हो, शत्रुता, विद्वेष से -
मित्रता के नेत्र हों ,मित्रता के कान हों,
मित्रता के रंध्र हों ,मित्रता के हाथ हों ,
मित्रता के कंध हों ,मित्रता की नासिका ,
मित्रता संकल्प हो ,मित्रता का साथ हो-
उदय वीर सिंह
09/08/2012
10 टिप्पणियां:
अनुपम मित्रता का श्रेष्ठ गान करती प्रस्तुति.
हार्दिक आभार,उदय भाई.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ.
मित्रता का विस्तृत विश्लेषण..प्रभावी अबिव्यक्ति।
मित्रता की राह देना ,मित्रता गंतव्य हो ,
मित्रता की छाँव देना ,मित्रता के पेड़ से ,
मित्रता का हाथ देना,मित्रता की उच्चता ,
मित्रता की शुचिता हो,मित्रता के देह से ,
वाह ......मित्रता विषय पर शानदार प्रस्तुति इन पंक्तियों ने तो विशेष छाप छोड़ी है जन्माष्टमी की बधाई
मित्रता की भावनाओं से ओतप्रोत इस रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई....
मित्रता के स्नेह को व्यक्त करती बहुत ही प्यारी खुबसूरत रचना..
जन्माष्टमी की शुभकामनाये..
:-)
सुन्दर रचना...
प्रतिक्रिया इस रचना से
सादर
दुश्मनी खार,
दोस्ती की हो फुहार..
खिले बहार..!....अनीता
आज 13/08/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
sachhi mitrata ...durlabh hai ...mile to guhya nidhi samaaan rakh le...achhi kavita
मित्रता से बड़ा कुछ भी नहीं ...सुन्दर रचना
एक अच्छा दोस्त एक अनमोल उपहार है ..
मित्रता का सुंदर चित्रण !
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