उजबेकिस्तान
देश की यात्रा के दौरान चर्वाक झील में एक अवयस्क उज़्बेक बालिका ने मुझसे बात करने की उत्सुकता के क्रम में अपने हृदय उदद्गार व्यक्त किए । जो मुझे
अप्रत्याशित ही नहीं अप्रतिम लगा ।
आर यू इंदिया ? Are you India ?
यस आई यम इंडियन ..Yes I am Indian
माई माम एंड टीचर से इंदीया इज बियूतीफूल कंत्री पीपल लाइव पिसफुली
एंड आई लाइक टू इंडिया । आइ वांत तू गो इंडिया....।
My Mom
and Teachers say ,India is a beautiful country, ,people live peacefully. and I
like too . I want to go India .
[उस बालिका का नाम था मुग्झारम [ मुख्तारम ] जिसने मेरे हाथ पर अपना नाम लिखा है ]
और आज मेरे मानस का द्वंद नहीं जाता कि हम उस मासूम जो उम्र के साथ विचार भी विकसित हो रहे होंगे उसके मानस में किस तरह के विचार पुष्पित कर सकेंगे । कल्पना मात्र से ही हृदय सिहर उठता है।
उदय वीर सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें