आँखों में
तिरते सवाल ,
चाहते हैं जबाब
देगा कौन ?
कसाब [कसाई ]
या भीड़
जिसने बेच दी अपनी
भेड़ ,
खिला कर दाने
निचोड़ा दूध ,काटा उन
अब कटने के लिए .....
मेमने प्रतीक्षा में
न लौट कर आएगी मां
जाना होगा कतार- वद्ध
उसी पथ .....
यही नियति है
या रणनीति
या छल ?
अपराधी कौन ?
अर्पिता
या
कसाब ?
या तमाशबीन
भीड़ .........?
उदय वीर सिंह
09 -03 -2012 .
तिरते सवाल ,
चाहते हैं जबाब
देगा कौन ?
कसाब [कसाई ]
या भीड़
जिसने बेच दी अपनी
भेड़ ,
खिला कर दाने
निचोड़ा दूध ,काटा उन
अब कटने के लिए .....
मेमने प्रतीक्षा में
न लौट कर आएगी मां
जाना होगा कतार- वद्ध
उसी पथ .....
यही नियति है
या रणनीति
या छल ?
अपराधी कौन ?
अर्पिता
या
कसाब ?
या तमाशबीन
भीड़ .........?
उदय वीर सिंह
09 -03 -2012 .
6 टिप्पणियां:
बेबसी ।
सार्थक प्रयास ।
अच्छा सवाल ।
तमाशबीन बढे -
बहुत सुंदर रचना,बेहतरीन सार्थक प्रस्तुति,...
उदय जी,..इस पोस्ट पर जरूर पधारें....
MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...:बसंती रंग छा गया,...
अपराधी...अपराध करने वाला ही नहीं ..उसके सहभागी भी होते हैं
मार्मिक प्रस्तुति ॥
बहुत मार्मिक मगर बेहतरीन प्रस्तुति.
स्पष्ट है, अपराधी कौन है, न्याय आशान्वित..
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