सरबजीत तुमसे ----
सरबजीत तुमसे ----
वीर !
बहुत पास थे लगा
कल आओगे -
आँखों में रहने वाले
सितारों में जा बसे ,
चाहोगे कितना छिपना
फिर भी नजर आओगे -
जब लड़खड़ायेंगे कदम फेरों में
बहुत याद आओगे ....
मां फटे कुर्ते को तो सी लेगी
दिल को कैसे
टांक पाओगे .....|
- उदय वीर सिंह
4 टिप्पणियां:
बेहतरीन बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ,,,
RECENT POST: मधुशाला,
नम आँखें सोने न देंगी..
भावुक करती एक सामयिक सन्दर्भ से जुड़ी अच्छी कविता |
तुमसे कुछ कह सकें वे शब्द कहां से लायें?
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