सोमवार, 1 जनवरी 2024

हे!नूतन वर्ष प्रणाम हमारा..✍️


 



हे!नूतन वर्ष प्रणाम हमारा...🙏

जाने  वाला  जाएगा ही 

आने वाला कहाँ रुकेगा।

काल चक्र का चलता पहिया

सतह  नहीं  कहां टिकेगा।

इसके खांचों  में  ढलना है

प्रदत्त  पथों  पर  चलना है।

अमन , चैन  के गीत लिखेंगे

कहेंगे  अपनी , पीर  सुनेंगे।

मनुष्यता की छांव भली हो

प्रीत  हृदय  में  भरी पड़ी हो।

क्यों कर वैर मनस में रखना

सदाचार की जोत जली हो।

दो कर जोड़ अरदास है रब से

जुड़ा बंधुत्व का तार हो सबसे

भूख ,अबल, निर्धनता  जाए

सकल  नैन  खुशहाली आये।

मानुष की जाति पछानो एकै,

सकल धर्म सम भाव सहजता

रहे  प्रीत  मिट  जाए  कटुता।

राष्ट्र - प्रेम  के गीत अधर  हों,

सुघर सृजन के बिम्ब नगर हों

मर्म संवेदन कीआधारशिला हो।

परहित जीवन सत्यार्थ मिला हो।

एका , प्रेम का पयाम हमारा।

हे ! नूतन  वर्ष  प्रणाम हमारा।

उदय वीर सिंह।

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