गुरुवार, 18 जनवरी 2024

तोड़ो वो अनुवंध


 








.तोड़ो वो अनुवंध.......✍️

तोड़ो वोअनुवंध समस्त जो षडयंत्रों से कारित हैं

मदिरालय की अनुशंसा हित साकी के पारित हैं।

प्रारव्ध हमारा शोक नहीं उत्सव के अधिकारी हैं,

पथ वही अवशेष रहें जो मूल्यों पर आधारित हैं।

भाष्य नहीं पथ-पंथों का भोजन गेह वसन ऊपर

शिक्षा की हो पवन मुक्त जो बाड़ों में बाधित हैं।

उदय वीर सिंह।

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