शुक्रवार, 5 जनवरी 2024

मशहूर तो है .....✍️


 






....मशहूर तो है...✍️

फरेब  से लबरेज़ गुरुर तो है।

मैकशी से ईश्क, सुरूर तो है।

पाया विपदा में मौके का हुनर

मजबूरों के बीच मगरूर तो है

खाप मंसूख हुई बाद फैसले के

कसूरवार, एक बे-कसूर तो है।

नहीं  है  पीने  को  साफ  पानी,

पीने  को  शराब  भरपूर तो है।

 ये जमीं जानती है,आसमां भी,

बदनाम है तो क्या मशहूर तो है।

सिर कलम करते हैं बड़ी अदा से

सिजदे  का  खासा दस्तूर तो है।

उदय वीर सिंह।

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