उन्नयन (UNNAYANA)
शनिवार, 23 अप्रैल 2016
धरती बचाओ ....
बचाओ
!
धरती
को
,
सृष्टि
को
जीवन
को
......
*********************
तूझे
खेलना
तो
है
तो
बेशक
खेल
मगर
तू
अपना
ही
नहीं
पूरी
कायनात
मिटा
रहा
है
-
उदय
वीर
सिंह
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