शनिवार, 25 जून 2016

रखो तो दिल में प्यार रखो -

नेमतें यूं ही नहीं बरसती दामन मे,
साफ रखो संवार रखो -
नफरत तुम्हें हंसने नहीं देगी वीर
रखो तो दिल में प्यार रखो -
तेरे अपने ही नहीं गैर भी सराहेंगे 
दिलों के बीच न कोई दीवार रखो -
उदय वीर सिंह

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