गुरुवार, 18 अगस्त 2016

रिश्तों के अनुबंधों की कुछ ....

 पावन बंधन ... रक्षावंधन ! अशेष बधाई मित्रों !
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रिश्तों के अनुबंधों की 
कुछ अपनी ही परिभाषा है-
जहां मिला अंधेरा कारा
एक दीपक की आशा है -
सर्वस्व न्योछावर करने की
यश प्रीत भरी गाथा है -
टूटे स्वांस संकल्प न टूटे
एक राखी की अभिलाषा है -
जाति धर्म का भेद तिरोहित
मानवता का प्यासा है
कच्चे धागे जंजीर सबल
वलिदानी प्रत्याशा है -
उदय वीर सिंह

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