जिसे प्रीत नहीं मिलती -----
साज प्रतीक्षित गाने को ,
जिसे गीत नहीं मिलती ----
ख्वाब बिना आँखों में कोई
लक्ष्य नहीं विचार नहीं /
अरमान हूँ मैं उस मंजिल का
जिसका कोई संसार नहीं /
बिखरा हुआ वो गीत हूँ मैं ,
जिसे संगीत नहीं मिलती --------
दर्द का मंदिर दिल ही तो है ,
औरों को इसे देना क्यों ?
प्यार की मूरत मंदिर में ,
गैरों से फिर लेना क्यों ?
हारा हुआ मैं सिकंदर हूँ ,
जिसे जीत नहीं मिलती /----------
उदय वीर सिंह
३/१२/२०१०
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